Whats is zen- z? जेन Z क्या है? पूरी जानकारी

जेन Z क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

हेलो दोस्तों, आजकल जेन Z की बातें हर जगह हो रही हैं – सोशल मीडिया से लेकर मार्केटिंग तक। लेकिन आखिर ये जेन Z कौन हैं? अगर आप भी सोच रहे हैं कि ये पीढ़ी क्या है, कैसे सोचती है, और भारत में इसका क्या असर है, तो ये आर्टिकल आपके लिए है। चलिए, सरल शब्दों में पूरी डिटेल्स समझते हैं।

जेन Z की परिभाषा और उम्र

जेन Z, जिसे ज़ूमर्स भी कहते हैं, वो पीढ़ी है जो मिलेनियल्स (जेन Y) के बाद आती है और जेन अल्फा से पहले। ज्यादातर रिसर्चर्स के मुताबिक, ये 1997 से 2012 के बीच पैदा हुए लोग हैं। मतलब, आज की तारीख (19 सितंबर 2025) के हिसाब से इनकी उम्र 13 से 28 साल के बीच है। ये पहली सच्ची डिजिटल नेटिव पीढ़ी है, यानी ये बचपन से ही इंटरनेट, स्मार्टफोन और सोशल मीडिया के साथ बड़ी हुई हैं।

वैश्विक और भारतीय डेमोग्राफिक्स

दुनिया भर में जेन Z सबसे डाइवर्स पीढ़ी है। अमेरिका में करीब 50% रेसियल और एथनिक माइनॉरिटी से आते हैं, और 1 में 4 हिस्पैनिक हैं। लेकिन भारत में ये आंकड़े और भी दिलचस्प हैं। यहां जेन Z की आबादी 377 मिलियन है, जो दुनिया की सबसे बड़ी है! ये 10-24 साल के युवाओं का बड़ा हिस्सा हैं, और अगले 30 सालों में देश की इकोनॉमी को बूस्ट देने वाले। NIQ की रिपोर्ट के मुताबिक, 100 मिलियन से ज्यादा जेन Z कंज्यूमर हैं, जो सोसाइटी को चेंज करने वाले ट्रेलब्लेजर्स हैं। इनका कलेक्टिव स्पेंडिंग पावर 860 बिलियन डॉलर है, जो 2035 तक 2 ट्रिलियन हो जाएगा।

भारत में ये पीढ़ी क्लास, कास्ट और जेंडर के हिसाब से अलग-अलग है। मेट्रो सिटीज में ये ग्लोबल वैल्यूज फॉलो करते हैं, जबकि छोटे शहरों में कल्चरल नॉर्म्स ज्यादा इंपॉर्टेंट हैं।

मुख्य विशेषताएं और वैल्यूज

जेन Z डिजिटल वर्ल्ड में बड़ी हुई है, लेकिन रियल लाइफ कनेक्शंस को वैल्यू देती है। खुशी के सोर्सेस में हेल्थ (94%), फैमिली (92%) और फ्रेंड्स (91%) टॉप पर हैं। स्ट्रेस के कारण पैसे (51%) और पढ़ाई (46%) हैं, जबकि सोशल मीडिया सिर्फ 10%। भारत में, 19% को सोशल मीडिया से स्ट्रेस होता है।

ये पीढ़ी फाइनेंशियली स्मार्ट है – 91% सेविंग्स को गोल्स के लिए इंपॉर्टेंट मानते हैं। सोशल कॉन्शस हैं; 81% लोकल ब्रांड्स सपोर्ट करते हैं, लेकिन सस्टेनेबिलिटी में चैलेंज फेस करते हैं – सिर्फ 27% यूटिलिटी वेस्ट कम कर पाए। भारत में, ये हेरिटेज पर प्राउड हैं, डाइवर्सिटी और ऑथेंटिसिटी वैल्यू करते हैं। TCS सर्वे में, 83% स्मार्टफोन चाहते हैं, और व्हाट्सएप (71%) सबसे पॉपुलर ऐप है। लेकिन फेस-टू-फेस बातचीत (40%) अभी भी फेवरेट है।

क्लाइमेट चेंज, कोविड और इकोनॉमिक अनसर्टेंटी ने इन्हें शेप किया है। ये जॉब्स में इंडिपेंडेंट हैं, लेकिन फाइनेंशियल सिक्योरिटी पर पेसिमिस्टिक।

भारत में जेन Z का प्रभाव

भारत में जेन Z न्यू इंडिया का चेहरा है। ये 116 मिलियन कंज्यूमर्स हैं, जो 15-55 उम्र के 2/5 हिस्से हैं। ब्रांड्स के लिए ये चैलेंजिंग हैं – टेक और ट्रेडिशन को बैलेंस करते हैं। मेंटल हेल्थ पर ओपन हैं, लेकिन छोटे शहरों में कल्चरल वैल्यूज गाइड करती हैं। फ्यूचर में, ये डेमोग्राफिक डिविडेंड देंगे, लेकिन स्ट्रक्चर्स को फिक्स करने की जरूरत है।

तो, जेन Z सिर्फ टिकटॉक यूजर्स नहीं, बल्कि फ्यूचर बिल्डर्स हैं। आप जेन Z हैं या नहीं, इनकी स्टोरी इंस्पायरिंग है। क्या लगता है, ये पीढ़ी क्या चेंज लाएगी? कमेंट में बताएं!

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