What is Khasra Number खसरा नंबर क्या है ?
अपने भारत देश मे जैसे हर एक भारतीय के पास आपण पहचान पत्र है। (आधार कार्ड, पैन कार्ड इत्यादि) जिसकी मदत से किसी भी उस इंसान की पूरी जानकारी मिलती है उसी तरह किसी भी भूमि, भूखंड की पहचान करने के लिए उस जमीन को भारत सरकार व्दारा एक संख्या वाला कोड मिलता है। उसी नंबर यानि कोड को खसरा नंबर कहा जाता है। यदि आप को What is Khasra Number के बरेमे हमने अधिक विस्तार से नीचे जानकारी दी है।
अगर आपको अपनी जमीन से संबंधित किसी भी जानकारी को प्राप्त करने के लिए खसरा नंबर एक एहम पैलू है। कोई भी इंसान बिना खसरा नंबर के अपने जमीन से जड़ी जानकारी नहीं प्राप्त कर सखता। इसी लिए अपने घेत, प्लॉट या जमीन का खसरा नंबर याद रखना बहत जरूरी है। आगे हने खसरा नंबर के महत्व के बारे मे बात की है।
खसरा नंबर का महत्व क्या है?
- भूमि के मालिक का सबूत : अगर किसी भी जमीन से संबंधित वाद विवाद हो तो भूमि के मालिक का सबूत आसानीसे देता है। इस दस्तावेज की आदत से जमीन का असली अलिक का पता चलता है।
- भूमि खरेदी – बिक्री मे मदत : किसी कारण जमीन को बेचनी, खरीदी या गिरवी रखने जैसे भी करने इस खसरा नंबर की आवश्यकता है। भूमि के लेनदेन मे सच्चाई देखने मे मदत मिलती है।
- कर भरणा : खसरा नंबर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किसानों के लिए होता है। ऊनके खेत का कर देखने के लिए, भूकतान करणे के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- झगडो से छुटकारा: भूमि से संबंधिति किसी भी प्रकारके वाद विवादों को सुलजाने मे खसरा नंबर की जरूरत होती है साथ मे कानूनी कामों मे खसरा नंबर बेहद जरूरी है।
- भूमि उपयोग योजना: सरकार की तरफ़से किसानों की मिलने वाले सबी प्रकर के लाभ और योजना खसरा नंबर के आधार पर किसानों को प्राप्त होती है।
खसरा नंबर की संरचना और घटक
आमतौर पर खसरा नंबर के तीन मुख्य प्रकार है:
- राज्य कोड: यह एक 2 अंकों की संख्या है जिसका इस्टेमल अपने राज्य को चुनें के लिए होता है। हर राज्य के लिए अलग अलग संख्या है। उदा. “09” या सख्या उत्तर प्रदेश के लिए है।
- जिला कोड: यह दो अंकों का कोड अपने जिल्हे को दर्शाता है।
- गांव और खसरा संख्या: यह संख्या सबसे जरूरी है। वे अपने गाव के भीतर भूमि की पहचान करती है। उदाहरण के लिए, “093212345”
- 09: उत्तर प्रदेश राज्य
- 32: जिला
- 12345: गांव में भूखंड
खसरा नंबर और प्लॉट नंबर मे क्या अंतर है?
खसरा नंबर और प्लॉट नंबर दो अलग-अलग नंबर होते हैं:
- खसरा नंबर: यह सरकार द्वारा भूमि के लिए जारी किया एक पहचान नंबर होता है। जो राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज होता है।
- प्लॉट नंबर: यानि डेवलपर या बिल्डर द्वारा एक संख्या है। जिसे आवासीय या वाणिज्यिक परियोजना को भूखंड की पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
आपकी जानकारी केलिए बतादु हर भूखंड और प्लॉट को अपनी पहचान के लिए अपना खसरा नंबर होता है। लेकिन सभी भूमि को प्लॉट नंबर नहीं होता। आमतौर पर प्लॉट नंबर केवल भूखंड के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
खसरा नंबर प्राप्त कैसे करे ?
1) आवेदन करने की प्रक्रिया
- जिस जगह अपनी भूमि है उसी जिले के एलआरओ जाकर आवेदन कर सखते है।
- भूमि की पुष्टि करने के लिए आपको आवश्यक दस्तावेज देना जरूरी है। जैसे कि पहचान प्रमाण, पता प्रमाण, बिक्री विलेख, विरासत प्रमाण पत्र
- अपना आवेदन को जमा करने के लिय आपको आवेदन शुल्क देना होगा।
- कार्यालय के कर्मचारी आपकी जानकारी को अपडेट करके आपको आपका खसरा नंबर दिया जाएगा।
2) खसरा नंबर के लिय आवश्यक दस्तावेज
- पहचान प्रमाण (आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस)
- पता प्रमाण (पासपोर्ट, बिजली बिल, राशन कार्ड)
- जमीन से संबंधित दस्तावेज (बिक्री विलेख, विरासत प्रमाण पत्र)
- आवेदन शुल्क की रसीद
राज्य पोर्टल का उपयोग कैसे करे ?
- अपना भारत देश डिजिटल इंडियन बन रहा है। हर काम अनलाइन किया जराहा है। इस ही लिए भूलेख से संबंधित काफी राज्यों मे सभी काम अनलाइन हो रहे है।
- अगर आपको पोर्टल का पता चाहिए तो उस राज्य के भूमि अभिलेख विभाग की वेबसाइट पर जारकर प्राप्त कर सखते है।
- किसी भी पोर्टल पर अपनी पंजीकरण करना जरूरी है।
- खसरा नंबर के लिए सभी जरूरी दसतवेज स्कैन करके अपलोड करें।
- बदमे शुल्क का भुगतान करें।
- सभी चरणों को पर करने के बाद आप पान खसरा नंबर ऑनलाइन देख और डाउनलोड कर सखाते है।
आवश्यक जानकारी:
- राज्य का नाम
- जिला का नाम
- तहसील का नाम
- गांव का नाम
- जमीन मालिक का नाम
भूवन पोर्टल का इस्तेमाल कैसे करे ?
- अपने राष्ट्रीय भू-स्थानिक प्लेटफॉर्म अपने के बाद भूवन पोर्टल का इस्तेमाल करके आप अपना खसरा नंबर खोज सकते है।
- पोर्टल पर आने के बाद दिए गए “खोज” टैब पर क्लिक करें।
- “स्थान” विकल्प पर क्लिक करे और अपना राज्य, जिला, तहसील और गांव की जानकारी दे।
- फिरेसे एक बार “खोज” बटन पर क्लिक करे
- मानचित्र मे अपने भुखड़ देखकर उस पर क्लिक करे।
- कुछ समय बाद खसरा नंबर सहित भूखंड की जानकारी आपके सामने आएगी।
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