मेरठ रेलवे स्टेशन पर मस्जिद विवाद: क्या है पूरा मामला? | Bhulekh UP

मेरठ रेलवे स्टेशन पर मस्जिद विवाद: क्या है पूरा मामला?

मेरठ, [तारीख] – उत्तर प्रदेश के मेरठ रेलवे स्टेशन पर एक मस्जिद को लेकर विवाद छिड़ गया है। स्थानीय हिंदू संगठनों का दावा है कि यह मस्जिद अवैध कब्जे में बनी हुई है, जबकि मुस्लिम समुदाय के लोग इसे दशकों पुरानी धार्मिक जगह बताते हैं।

विवाद की जड़: किसका है अधिकार?

  • हिंदू संगठनों का आरोप:
  • मेरठ रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास बनी यह मस्जिद रेलवे की जमीन पर अवैध निर्माण है।
  • उनका कहना है कि कोई पुराना दस्तावेज या अनुमति नहीं दिखाई गई है।
  • कुछ लोगों ने इसे “घुसपैठ” बताते हुए हटाने की मांग की है।
  • मुस्लिम समुदाय का पक्ष:
  • स्थानीय मुसलमानों का कहना है कि यह मस्जिद कई दशकों से यहां मौजूद है और यहां नमाज पढ़ी जाती रही है
  • उनका दावा है कि रेलवे प्रशासन ने कभी कोई आपत्ति नहीं जताई।

रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया

  • उत्तर रेलवे प्रशासन ने कहा है कि वह जांच कर रहा है कि क्या यह निर्माण कानूनी है।
  • अगर मस्जिद अवैध पाई जाती है, तो उसे हटाने की कार्रवाई की जा सकती है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएं

  • भाजपा नेताओं ने इसे “अवैध कब्जा” बताया है और रेलवे से कार्रवाई की मांग की है।
  • समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने शांति बनाए रखने की अपील की है और कहा है कि मामला कानून के हवाले होना चाहिए।

क्या हो सकता है आगे?

  • अगर रेलवे प्रशासन इसे अवैध ठहराता है, तो हटाने की कार्रवाई हो सकती है।
  • अगर मुस्लिम पक्ष कोर्ट जाता है, तो मामला लंबा खिंच सकता है।

निष्कर्ष

मेरठ रेलवे स्टेशन पर मस्जिद विवाद कानूनी और सामाजिक चुनौती बन गया है। दोनों पक्षों के तर्कों के बीच, सरकार और प्रशासन को संवेदनशीलता से काम लेना होगा ताकि किसी तनाव की स्थिति न बने।

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