मार्च 24, 2025 – 29 सितंबर 2024 से लापता हर्षिता के मामले में पुलिस पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। परिवार का कहना है कि एफआईआर दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की और उनकी बेटी को ढूंढने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाए। मामले की जांच में पुलिस की निष्क्रियता को लेकर परिवार और स्थानीय समुदाय में गहरी नाराजगी है।
- एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं – हर्षिता के लापता होने के लगभग छह महीने बाद भी पुलिस उसका कोई सुराग नहीं लगा पाई है। परिवार का दावा है कि उन्होंने पुलिस को सीसीटीवी फुटेज भी सौंपी थी, लेकिन इसके बावजूद कोई प्रगति नहीं हुई। पुलिस की लापरवाही ने परिवार के विश्वास को हिला दिया है, और वे अब इस मामले में कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
- पैसे मांगने का आरोप – हर्षिता के माता-पिता ने आरोप लगाया है कि जब वे अपनी बेटी की खोज में पुलिस से मदद मांगने गए, तो कुछ अधिकारियों ने उनसे पैसे की मांग की और उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया। इस आरोप ने पुलिस के भीतर भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के मुद्दे को और गहरा कर दिया है, जिससे जनता में और भी गुस्सा बढ़ा है।
- परिवार के पैदल मार्च को रोकने की कोशिश – हर्षिता के माता-पिता ने जब अपनी बेटी की तलाश में न्याय की गुहार लगाने के लिए हिसार से चंडीगढ़ तक पैदल मार्च करने का फैसला किया, तो पुलिस ने उन्हें कैथल में रोक लिया। पुलिस की यह कार्रवाई प्रशासन की निष्क्रियता और मानवाधिकारों के उल्लंघन के रूप में देखी जा रही है। परिवार का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दबाव में डालकर चुप करवा दिया, ताकि इस मामले में कोई कार्रवाई न हो।
इस मामले में पुलिस पर निष्क्रियता और अनदेखी के आरोप गंभीर रूप से उठाए जा रहे हैं। हालांकि, कुछ लोग यह भी मानते हैं कि परिवार के आंतरिक विवादों के कारण मामला जटिल हो गया है, लेकिन यह बात साफ है कि अभी तक हर्षिता का कोई पता नहीं चल पाया है। इससे यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस ने इस मामले में गंभीरता से काम किया है?
परिवार का आरोप है कि पुलिस इस मामले में लापरवाह रही है और हर्षिता को खोजने के लिए ठोस कदम नहीं उठा रही।
— Arun Yadav (@ArunKosli) March 24, 2025
1. एफआईआर दर्ज होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं – हर्षिता 29 सितंबर 2024 से लापता है, लेकिन पुलिस अभी तक उसे ढूंढने में नाकाम रही है। परिवार का कहना है कि उन्होंने… pic.twitter.com/iuZ4tRTaZ2
इस मामले में प्रशासन और पुलिस दोनों के लिए जवाबदेही की आवश्यकता है। परिवार के न्याय की मांग ने एक बार फिर से यह मुद्दा उठाया है कि कैसे पुलिस और प्रशासन को नागरिकों के मामलों में और अधिक संवेदनशील और पारदर्शी होना चाहिए।